November 21, 2024 11:56 am

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Shani Pradosh 2023: कब है शनि प्रदोष? साल 2023 में केवल 1 बार यह व्रत, कहीं हाथ से न निकल जाए मौका, शिव पूजा का विशेष महत्व


हाइलाइट्स

आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी तिथि 1 जुलाई शनिवार को 01:16 एएम से शुरू हो जाएगी.
शनि प्रदोष व्रत के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं.

Shani pradosh vrat 2023 date: साल 2023 में केवल एक ही शनि प्रदोष व्रत है. यह व्रत इतना महत्वपूर्ण होता है कि इसको रखने के लिए लोग काफी प्रतीक्षा करते हैं क्योंकि यह व्रत बहुत कम होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संतानहीन दंपत्तियों को शनि प्रदोष का व्रत रखकर भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए, इससे पुत्र प्राप्ति का योग बनता है. महादेव की कृपा से व्यक्ति को संतान सुख मिलता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि शनि प्रदोष व्रत कब है और शिव पूजा का मुहूर्त क्या है?

शनि प्रदोष व्रत 2023 तिथि
प्रदोष व्रत हमेशा त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मा​ह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 1 जुलाई शनिवार को 01:16 एएम से शुरू हो जाएगी और इस तिथि का समापन 1 जुलाई को ही रात 11 बजकर 07 मिनट पर होगा. इस तरह से शनि प्रदोष व्रत 1 जुलाई को रखा जाएगा.

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शनि प्रदोष व्रत 2023 पूजा मुहूर्त
साल के एक मात्र शनि प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 1 जुलाई को शाम 07 बजकर 23 मिनट से रात 09 बजकर 24 मिनट तक है. इस शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. इसमें भी शाम 07 बजकर 23 मिनट से रात 08 बजकर 39 मिनट तक लाभ-उन्नति मुहूर्त है.

3 शुभ योग में शनि प्रदोष व्रत 2023
शनि प्रदोष व्रत के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन प्रात:काल से लेकर रात 10 बजकर 44 मिनट तक शुभ योग है. उसके बाद से शुक्ल योग प्रारंभ हो जाएगा, जो अगले दिन तक है. इसके अलावा उस दिन रवि योग बन रहा है. यह योग दोपहर 03 बजकर 04 मिनट से अगले दिन 2​ जुलाई को प्रात: 05 बजकर 27 मिनट तक है.

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शनि प्रदोष व्रत के दिन शिववास भी
1 जुलाई को शनि प्रदोष व्रत के दिन शिववास भी है. जो लोग भगवान शिव की कृपा पाने के लिए रुद्राभिषेक कराना चाहते हैं, उनके लिए शुभ संयोग बना है. प्रदोष व्रत के दिन शिववास आपके लिए कल्याणकारी होगा. उस दिन शिववास सुबह से लेकर रात 11 बजकर 07 मिनट तक है.

शनि प्रदोष व्रत का महत्व
जैसा कि आपको पहले बताया कि शनि प्रदोष व्रत रखकर शिव पूजा करने से पुत्र की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है. संतानहीन दंपत्तियों के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है. इस व्रत को करने से रोग, दुख और दोष भी दूर होते हैं.

Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva

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