प्रदेश के इकलौते आर्च डैम ऊमरडोली को पर्यटन मानचित्र में लाने की संभावनाओं का DM ने लिया जायजा
अपने मोबाइल कैमरे में DM ने कैद की ऊमरडोली डैम की खूबसूरती
कटनी। पत्थरों से बने प्रदेश के इकलौते सौ वर्ष पुराने आर्च डैम ऊमरडोली को पर्यटन मानचित्र में रेखांकित करने यहां बुनियादी सुविधाओं का विकास और विस्तार किया जाएगा। कलेक्टर अवि प्रसाद ने इस सर्पाकार आर्च डैम का निरीक्षण कर यहां ट्रेकिंग सहित अन्य रोमांचक पर्यटन गतिविधियों के माध्यम से लोगों को इस खूबसूरत डैम की बेजोड़ इंजीनियरिंग और यहां के नैसर्गिक सौंदर्य से लोगों को रू-ब-रू कराने की संभावनाओं का जायजा लिया। कलेक्टर श्री प्रसाद ने यहां पर्यटन और पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु जरूरी बुनियादी अधोसंरचना के विकास की संभावनाओं को देखा। स्थानीय जनों ने कलेक्टर श्री प्रसाद को बताया कि बरसात के मौसम में इस डैम की सुंदरता देखते ही बनती है। यहां के आस-पास का मनोरम दृश्य और डैम से पानी के ओवरफ्लो का विहंगम नजारा देख लोग सम्मोहित हो जाते हैं ।
कलेक्टर ने खुद खींची फोटो
इसके आस-पास बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक प्राकृतिक स्थल हैं। कलेक्टर श्री प्रसाद स्वयं इस डैम की नायाब अभियांत्रिकी कौशल से काफी प्रभावित हुए और खुद अपने मोबाईल कैमरे में इसकी सुंदरता को कैद करने का लोभ संवरण न कर सके।
पत्थरों से बना है सौ वर्ष पुराना ऊमरडोली डेम
बेजोड़ इंजीनियरिंग, 10 साल की कड़ी मेहनत और पत्थरों को तराशकर तैयार कराए गए ऊमरडोली डेम की खूबसूरती और इंजीनियरिंग को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। ऊमरडोली जलाशय अपने तरह का प्रदेश का इकलौता आर्च डेम है।इसे बनाने में 25.75 लाख क्यूबिक फीट पत्थरों का उपयोग किया गया है।
रीठी तहसील के बकलेहटा और चरगवां गांव के बीच में दो पहाड़ों को जोड़कर बनाए गए बोरीना जलाशय का निर्माण वर्ष 1914 में प्रारंभ हुआ था। ऊमरडोली जलाशय का कैचमेंट एरिया 14.4 वर्ग मील है।पहाड़ों के पत्थरों को काटकर और तराशकर डेम को बनाने में 10 साल का समय लगा। 1520 फीट लंबे और 74 फीट ऊंचे जलाशय की कारीगरी और प्राकृतिक स्थल को देखने के साथ ही परिवार सहित लोग पिकनिक मनाने इस स्थान पर पहुंचते हैं। आर्च डेम ऊमरडोली से लगा जंगल है, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।